पाकिस्तान UNHRC का पांचवीं बार सदस्य चुना गया, जानें विस्तार से
पाकिस्तान ने चीन, रूस और क्यूबा के साथ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की सीटों पर जीत हासिल की है. पाकिस्तान को ये जीत मानवाधिकार के मामले में उसके खराब रिकॉर्ड के बावजूद मिली.
पाकिस्तान के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर विभिन्न मानवाधिकार समूहों के विरोध के बावजूद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में उसे दोबारा चुन लिया गया. पाकिस्तान इस परिषद के लिए पांचवीं बार चुना गया है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च मानवाधिकार निकाय के लिये एशिया प्रशांत क्षेत्र की चार सीटों पर पांच उम्मदवारों में से पाकिस्तान को सर्वाधिक मत मिले हैं.
पाकिस्तान ने चीन, रूस और क्यूबा के साथ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की सीटों पर जीत हासिल की है. पाकिस्तान को ये जीत मानवाधिकार के मामले में उसके खराब रिकॉर्ड के बावजूद मिली. संयक्त राष्ट्र महासभा में गुप्त मतदान में पाकिस्तान को 169 मत मिले. पाकिस्तान के बाद उज्बेकिस्तान को 164, नेपाल को 150 और चीन को 139 मत मिले. 193 सदस्यीय महासभा में सऊदी अरब को केवल 90 वोट मिल पाया और वह इस दौड़ से बाहर हो गया.
मानवाधिकार परिषद के नियमों के अंतर्गत भौगोलिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को सीटें आवंटित की जाती हैं. 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद में 15 सदस्यों का चुनाव पहले ही हो चुका था क्योंकि अन्य सभी क्षेत्रीय समूह के सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए.
पाकिस्तान UNHRC का पांचवीं बार सदस्य चुना गया
पाकिस्तान फिलहाल 01 जनवरी 2018 से मानवाधिकार परिषद का सदस्य है. फिर से चुने जाने पर उसे परिषद के सदस्य के तौर पर तीन साल का एक दूसरा कार्यकाल मिल गया है जो 01 जनवरी 2021 से शुरू होगा. मानवाधिकार परिषद की स्थापना साल 2006 में हुयी थी. इसके बाद से यह पांचवा मौका है जब पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के सर्वोच्च निकाय के लिये निर्वाचित हुआ है.
अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिका का कहना है कि मानवाधिकारों को लेकर चीन का रिकार्ड बेहद खराब रहा है. कुछ ही दिन पहले अमेरिका, कनाडा और यूरोप के मानवाधिकार समूहों के एक गठबंधन ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों से चीन, रूस, सऊदी अरब, क्यूबा, पाकिस्तान एवं उज्बेकिस्तान के निर्वाचन का विरोध करने का आह्वान किया था. इनका कहना था कि इन देशों का मानवाधिकार रिकॉर्ड उन्हें इसके लिये अयोग्य करार देता है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद: एक नजर में
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) एक अंतर-सरकारी निकाय है जो मानव अधिकारों की रक्षा करता है एवं उनको बढ़ावा देता है. यह मानवीय गरिमा के सार्वभौमिक आदर्शों के लिए दुनिया की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है.
संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानव अधिकार आयोग की स्थापना वर्ष 1946-47 में आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की एक कार्यात्मक समिति के रूप में की थी. इसका मुख्य कार्य-प्रतिवेदन तैयार करना, अधिकारों के अंतर्राष्ट्रीय बिल, नागरिक स्वतंत्रता, स्त्री दशा एवं मानवाधिकार सम्बन्धी विषयों पर अपनी अनुशंसाएं प्रकट करना था. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 मार्च 2006 को एक नई मानवाधिकार परिषद के गठन का प्रस्ताव पारित किया. इस 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद ने 53 सदस्यीय मानवाधिकार आयोग का स्थान लिया है.
यूएनएचआरसी, महासभा परिषद के उद्देश्यों की प्राप्ति में राष्ट्रों के योगदान और प्रतिबद्धता को देखता हैं. इसके प्रत्येक सीट की अवधि तीन वर्ष होती है. मानवाधिकार उच्चायुक्त संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख मानव अधिकार अधिकारी होते हैं. यूएनएचआरसी, संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का एक हिस्सा है. इसका मुख्यालय जिनेवा में स्थित हैं.
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