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राजस्थान में 1 नवंबर से फिर से गुर्जर आंदोलन (Gurjar Andolan) की आग सुलग सकती है। गुर्जरों ने आरक्षण (Gurjar Reservation) के लिए एक बार फिर आंदोलन की हुंकार भर ली है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख कर्नल किरोडी सिंह बैंसला (Kirodi Singh Baisla) ने अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) को 1 नवंबर से आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है। राजस्थान में गुजरों की चक्का जाम की तैयारी को देखते हुए कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दी गई है। साथ सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई है। कर्नल किरोडी सिंह बैसला ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि इस बार हम न्यौते से नहीं नियुक्तियों से मानेंगे। पौने दो साल से सरकार से समझौते की पालना कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक हमारे मुद्दों को सॉल्व नहीं किया गया। अब समाज में आक्रोश है। समाज चुप नहीं बैठेगा। मेरा सरकार से अनुरोध है कि सरकार जल्द से जल्द इस मामले में फैसला लें। हम सरकार को आश्वासन है कि पूरा सहयोग करेंगे पर हमें न्याय मिलना चाहिए। अन्यथा मुझे ऐसा दिख रहा है कि आंदोलन निश्चित है।
कर्नल किरोडी सिंह बैसला ने एक नवंबर को समुदाय के सभी लोग लाठियों के साथ पीलूपुरा स्थित शहीद स्थल पर पहुंचने की अपील की है। यहां से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। गुर्जर नेता विजय बैंसला समाज के नेताओं के साथ गांव-गांव जाकर आंदोलन की तैयारी करने में जुटे हुए है।
जानकारी के मुताबिक गुर्जर समाज के लोग लाठियां लेकर पीलूपुरा स्थित शहीद स्थल पर सुबह 10 बजे इकट्ठे होंगे। जहां से आंदोलन शुरू किया जाएगा। गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज सरकार के साथ कोई बात नहीं करेगा। यदि सरकार को वार्ता करनी है तो सरकार खुद गुर्जर समाज के बीच आए और जो मांगे हैं उनका पूरा करें।
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