Purushottami Ekadashi Vrat 2020 — शुभ फल प्राप्त करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि एकादशी पर व्रत रखते हुए विष्णुजी की पूजा बहुत फलदायी मानी गई है। जिन लोगों की मनोकामनाएं दुर्लभ होती हैं उन्हें इस एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। इस व्रत को करते हुए कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। एकादशी व्रत और पूजा नियमानुसार ही करने चाहिए।जयपुर. रविवार को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है. वैसे तो सभी एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है लेकिन पुरुषोत्तम मास में आने के कारण यह एकादशी सबसे खास मानी जाती है। इस एकादश को कमला एकादशी, पदमिनी एकादशी या पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहा जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि एकादशी पर व्रत रखते हुए विष्णुजी की पूजा बहुत फलदायी मानी गई है। जिन लोगों की मनोकामनाएं दुर्लभ होती हैं उन्हें इस एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। इस व्रत को करते हुए कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। एकादशी व्रत और पूजा नियमानुसार ही करने चाहिए।
कमला एकादशी पर सूर्योदय से पूर्व स्नान करना चाहिए। इस दिन दातुन से दांत साफ न करें। मान्यता है कि इस दिन किसी पेड़ की टहनी को तोड़ने से विष्णुजी नाराज होते हैं। एकादशी पर दिन में सोना वर्जित है। इस दिन व्रती को दिनभर बिना जल के रहना पडता है। इस व्रत में भोजन करना भी वर्जित होता है। बहुत जरूरी हो तो शाम को फलाहार करना ही उचित होगा। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसा पूरे दिन — ऊं नमो भगवते वासुदेवाय— मंत्र का मानसिक जप करते रहें। एकादशी के दूसरे दिन सुबह व्रत खोलते हुए सबसे पहले भगवान विष्णु को भोग में लगाए तुलसी पत्ते का सेवन करें।
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