Current Affairs in Hindi 2020 -Textnews1.online
आईसीएआर की राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना द्वारा ‘कृतज्ञ’ हैकाथॉन
Current Affairs 2020
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Daily Current Affairs 2020
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (NAHEP) के अंतर्गत “कृतज्ञ (KRITAGYA)” नामक हैकाथॉन की योजना बनाई गई है. यह हैकथॉन महिला अनुकूल उपकरणों पर विशेष जोर देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ाने के लिए संभावित प्रौद्योगिकी समाधान को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है. देश भर के किसी भी विश्वविद्यालय / तकनीकी संस्थान के छात्र, संकाय और नवप्रवर्तक / उद्यमी, समूह बनाकर इस कार्यक्रम में आवेदन कर भाग ले सकते हैं.
"KRITAGYA" छात्रों, संकायों, उद्यमियों, नवप्रवर्तनकर्ताओं और अन्य पणधारकों को भारत में कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए अपने अभिनव दृष्टिकोण और प्रौद्योगिकी समाधान दिखाने का अवसर देगा. यह फार्म मशीनीकरण क्षेत्र में सीखने की क्षमताओं, नवाचारों और विघटनकारी समाधानों, रोजगार और उद्यमशीलता ड्राइव को बढ़ाने में भी मदद करेगा.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने 16 जुलाई को अपना 92वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि वैज्ञानिकों की सराहना की, जिनके वजह से आईसीएआर ने पिछले नौ दशकों के दौरान देश में कृषि के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि अनुसंधान में वैज्ञानिकों के अंशदान और किसानों की कड़ी मेहनत के चलते भारत आज अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन वाला देश बन गया है. उन्होंने कोविड-19 महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान भी फसलों के रिकॉर्ड उत्पादन के लिए देश के किसानों को बधाई दी. कृषि मंत्री ने वैधानिक संशोधन और अध्यादेशों की घोषणा के द्वारा बहुप्रतीक्षित कृषि सुधारों को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति भी आभार प्रकट किया, जिससे किसान सशक्त होंगे और उन्हें अपनी फसल का लाभकारी मूल्य हासिल करने में सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि आईसीएआर और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को यह भी सुनिश्चित करना है कि अनुबंधित कृषि का लाभ छोटे किसानों को भी मिले.
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले पर प्रधानमंत्री का सम्बोधन
आप एक से बढ़कर एक Solutions पर काम कर रहे हैं। देश के सामने जो Challenges हैं, ये उनका Solution तो देते ही हैं, Data, Digitization और Hi-tech Future को लेकर भारत की Aspirations को भी मज़बूत करते हैं।
साथियों, हमें हमेशा से गर्व रहा है कि बीती सदियों में हमने दुनिया को एक से बढ़कर एक बेहतरीन साइंटिस्ट, बेहतरीन Technicians, Technology Enterprise leaders दिए हैं। लेकिन ये 21वीं सदी है और तेजी से बदलती हुई दुनिया में, भारत को अपनी वही प्रभावी भूमिका निभाने के लिए उतनी ही तेजी से हमें खुदको भी बदलना होगा।
इसी सोच के साथ अब देश में Innovation के लिए, Research के लिए, Design के लिए, Development के लिए, Entreprise के लिए ज़रूरी Eco-system तेजी से तैयार किया जा रहा है। अब बहुत ज्यादा जोर दिया जा रहा है Quality of Education पर, 21वीं सदी की Technology को साथ लेकर, 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने वाली Education system भी उतनी ही ज़रूरी है ।
प्रधानमंत्री ई-विद्या कार्यक्रम हो या फिर अटल इनोवेशन मिशन, देश में साइंटिफिक टेम्परामेंट बढ़ाने के लिए अनेक क्षेत्रों में स्कॉलरशिप का विस्तार हो, या स्पोर्टस की दुनिया से जुड़े Talent को मॉर्डर्न फेसिलिटीज और आर्थिक मदद, रीसर्च को बढ़ावा देने वाली योजनाएं हों या फिर भारत में वर्ल्ड क्लास 20 Institutes of Eminence के निर्माण का मिशन, ऑनलाइन एजुकेशन के लिए नए संसाधनों का निर्माण हो या फिर स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसे ये अभियान, प्रयास यही है कि भारत की Education और आधुनिक बने, मॉडर्न बने, यहां के Talent को पूरा अवसर मिले।
साथियों, इसी कड़ी में कुछ दिन पहले देश की नई Education Policy का ऐलान किया गया है। ये पॉलिसी, 21वीं सदी के नौजवानों की सोच, उनकी जरूरतें, उनकी आशाओं-अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को देखते हुए बनाने का व्यापक प्रयास हुआ है। 5 वर्ष तक देश-भर में इसके हर बिंदु पर व्यापक Debate और Discussions हुए हैं, हर स्तर पर हुए, तब जाकर ये नीति बनी है।
ये सच्चे अर्थ में पूरे भारत को, भारत के सपनो को, भारत के भावी पीढ़ी की आशा आकांशाओ को अपने में समेटे हुए नए भारत की शिक्षा नीति आयी है। इसमें हर क्षेत्र, हर राज्य के विद्वानों के विचारों को समाहित किया गया है। इसलिए ये सिर्फ एक Policy Document नहीं है बल्कि 130 करोड़ से अधिक भारतीयों की Aspirations का Reflection भी है।
साथियों, आप भी अपने आसपास देखते होंगे, आज भी अनेक बच्चों को लगता है कि उनको एक ऐसे विषय के आधार पर जज किया जाता है, जिसमें उसका इंटरेस्ट ही नहीं है। मां-बाप का, रिश्तेदारों का, दोस्तों का, पूरे environment का प्रेशर होता है तो वो दूसरों द्वारा चुने गए सबजेक्ट्स पढ़ने लगते हैं। इस अप्रोच ने देश को एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी दी है, जो पढ़ी-लिखी तो है, लेकिन जो उसने पढ़ा है उसमें से अधिकांश, उसके काम नहीं आता। डिग्रियों के अंबार के बाद भी वो अपने आप में एक अधूरापन महसूस करता है। उसके भीतर जो आत्मविश्वास पैदा होना चाहिए, जो Confidence आना चाहिए, उसकी कमी वह महसूस करता है । इसका प्रभाव उसकी पूरी लाइफ की Journey पर पड़ता है।
साथियों, नई एजूकेशन पॉलिसी के माध्यम से इसी अप्रोच को बदलने का प्रयास किया जा रहा है, पहले की कमियों को दूर किया जा रहा है। भारत की शिक्षा व्यवस्था में अब एक सिसटेमिक रिफॉर्म, शिक्षा का Intent और Content, दोनों को Transform करने का प्रयास है।
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