अब CBI के हाथ में सुशांत केस, जानें- एजेंसी कैसे करती है काम, ये है पावर
लंबे समय से सोशल मीडिया पर एक्टर सुशांत सिंह राजपुत केस की CBI जांच की मांग उठ रही थी. जिसके बाद बिहार सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने इस केस को CBI को ट्रांसफर कर दिया है. वहीं अब जानते हैं आखिर कैसे और किन हालातों में CBI करती है जांच?
सीबीआई (Central Bureau of Investigation) का गठन 1963 में हुआ था. CBI राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले अपराधों जैसे हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों और राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों की भारत सरकार की तरफ से जांच करती है.
जब CBI का गठन हुआ, इसे कई हिस्सों में बांटा गया था. जैसे एंटी करप्शन डिवीजन, इकोनॉमिक्स ऑफेंस डिवीजन, स्पेशल क्राइम डिवीजन, डायरेक्टरेट ऑफ प्रॉसिक्यूशन, एडमिनिस्ट्रेटिव डिवीजन, पॉलिसी एंड कॉर्डिनेट डिवीजन औरसेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी.
जानें- कैसे होता है काम
(A)एंटी करप्शन डिवीजन- केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, केंद्रीय पब्लिक उपक्रमों और केंद्रीय वित्तीय संस्थानों से जुड़े भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए.
(B) इकोनॉमिक ऑफेंस डिवीजन – बैंक धोखाधड़ी, वित्तीय धोखाधड़ी, आयात-निर्या और विदेशी मुद्रा अतिक्रमण, नारकोटिक्स, पुरातन वस्तुएं, सांस्कृतिक संपत्ति की बढ़ती तस्करी और विनिषिद्ध वस्तुओं आदि की तस्करी से संबंधित.
(C) स्पेशल क्राइम डिवीजन- आतंकवाद, बम ब्लास्ट, संवेदनात्मक मानव वध, मुक्ति-धन के लिए अपहरण और माफिया और अंडर-वर्ल्ड द्वारा किए गए अपराधों से संबंधित.
आपको बता दें, CBI की जांच से जुड़ी सुनवाई विशेष CBI अदालत में ही होती है. पहले CBI केवल घूसखोरी और भ्रष्टाचार की जांच तक सीमित थी, लेकिन 1965 से हत्या, किडनैपिंग, आतंकवाद, वित्तीय अपराध, आदि की जांच भी CBI के दायरे में आ गई है.
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